बेवजह है तभी मोहब्बत है
वजह होती, तो साजिश होती...!!!~


कितना मुश्किल है मनाना उस शख्स को,
जो रुठा भी ना हो और बात भी ना करे..~


“माना की मरने वालों को …….भुला देतें है सभी,
मुझ जिंदा को भूलकर तूने…. कहावतें बदल दी”…~


उल्टी पड़ी है, कश्तीयाँ रेत पर मेरी
कोई ले गया है, दिल से समंदर निकाल कर..~


कागज़ के नोटों से आखिर किस किस को खरीदोगे...
किस्मत परखने के लिए यहाँ आज भी,
सिक्का हीं उछाला जाता है l~




मुझे भी सिखा दो "भूल" जाने का हुनर" "मैं थक गया हूँ हर लम्हा हर सांस तुझे याद करते करते !!~


सौ दुशमन बनाए हमने,किसी ने कुछ ना कहा ...
एक को हमसफर क्या बनाया,सौ उँगलियाँ उठ गई....~


कुछ रूठे हुए लम्हें कुछ टूटे हुए रिश्ते, हर कदम पर काँच बन कर जख्म देते है..~


.हम चाहते तो कब का उसे मना लेते
मगर वो रूठी नहीं है. . . बदल गयी है. .~


थक गया हूँ मै, खुद को साबित करते-करते, दोस्तों....
मेरे तरीके गलत हो सकते हैं, इरादे नहीं...~


तुम से मुमकिन हो तो फिर रोक दो सांसें मेरी,
दिल जो धड्केगा तो फिर याद तो तुम आओगे ही...!!~


दिन तो कट जाता हे शहर की इस रोनक में । कुछ लोग बहोत याद आते हे दिन ढलने के बाद~


"दुनिया तो टूटते हुए तारे से भी दुआ मांगती हैं,
कौन कहता है बरबादी किसी के काम नहीं आती !!"~


मुझे किसी के बदल जाने का गम नही , बस कोई था, जिस पर खुद से ज्यादा भरोसा था…~


मुझमे खामीया बहुत सी होगी मगर,एक खूबी भी है…मे कीसी से रीश्ता मतलब के लीये नही रखता.~


तू मोहब्बत है मेरी इसीलिए दूर है मुझसे…
अगर जिद होती तो शाम तक बाहों में होती ।~